बुधवार, 15 अक्तूबर 2014

पत्थर के भगवान

पत्थर के भगवान तुम्हे शत शत प्रणाम |
तुमने अहिल्या तारी ,द्रोपदी की लाज बचाई |
कुंती तो बिनब्याही माता कहलाई |
तारा को सन्नारी की पदवी  दिलवाई  
मंदोदरी को तुमने कुवांरीकन्या के रूप मेही |
रावणके सौ पुत्रो   की माता बनाई  |
तुमने कैसे इन नारियो को सन्नारियो को |
कुवारी माता के रूप में स्थान दिलाया  |
तुम धन्य हो भगवान कैसे किये तुमने |
विश्व में इतने चमत्कारिक काम   |
पूरा संसार तुम्हारी  सत्ता मानता   है |
तुम्हारे बिना पत्ता तक नहीं हिल पाता है |
हे चतुर भुजी भगवान तुमको शत शत प्रणाम |
आज  भी नारियाँ कर रही तुमसे गुहार |
करो प्रभु उनके जीवन का उद्धार |
वे झेल रही है नर पिशाचों के अनाचार |
कैसे होगा उन सताई हुई नारियो का बेडा पार

करो प्रभु कुछ तो उपचार  वे पुकार रही है आपको बार बार |

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